Uttarakhand: केदारनाथ मंदिर का इतिहास। केदारनाथ मंदिर कब जाना चाहिए
देवों के देव महादेव शिव के कुल 12 ज्योतिर्लिंग है जिसमें...
1 - सोमनाथ ज्योतिर्लिंग गुजरात राज्य में स्थित है.
2 - मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग आंध्र प्रदेश राज्य में स्थित है.
3 - महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश राज्य में स्थित है.
4 - ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश राज्य में स्थित है.
5 - केदारनाथ ज्योतिर्लिंग उत्तराखंड में स्थित है.
6 - भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र राज्य में स्थित है.
7 - विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग उत्तर प्रदेश में स्थित है.
8 - त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र राज्य में स्थित है.
9 - वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग झारखंड राज्य में स्थित है.
10 - नागेश्वर ज्योतिर्लिंग गुजरात राज्य में स्थित है.
11 - रामेश्वर ज्योतिर्लिंग तमिलनाडु में स्थित है.
12 - घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र राज्य में स्थित है.
आज हम बात करने वाले है शिव जी के पांचवें केदारनाथ ज्योतिर्लिंग के बारे में जो उत्तराखंड में स्थित है। यह ज्योतिर्लिंग भारत के चार धामो में से एक है। इस ज्योतिर्लिंग का इतिहास भगवान विष्णु, पांडवों और आदि गुरु शंकराचार्य से जुड़ा हुआ है। यह ज्योतिर्लिंग हिमालय क्षेत्र में होने के कारण यहा पर ज्यादातर बर्फबारी होती है इस वजह से यह ज्योतिर्लिंग साल में 6 महीने बंद रहता है और गर्मी के समय 6 महीने मंदिर खुला रहता है.
पुरानी मान्यताओं के अनुसार केदारनाथ मंदिर का निर्माण पांडवों ने करवाया था उसके बाद इस मंदिर का पुन:निर्माण आदि शंकराचार्य ने करवाया था। आईए जानते हैं पांडवों से जुड़ी प्रचलित कहानी...
हम सभी जानते हैं कि पांडवों और कौरवों के बीच भीषण युद्ध हुआ था जिसे हम महाभारत के नाम से जानते हैं महाभारत युद्ध के बाद पांडव अपने भ्रातृहत्या के पाप से मुक्त होना चाहते थे। इसलिए पांडव भगवान शिव के चरणों में आए थे लेकिन भगवान शिव उन पर बहुत ही क्रोधीत थे। पांडव सबसे पहले भगवान शिव को खोजते खोजते काशी गए थे। लेकिन भगवान शिव उनको वहां पर नहीं मिले फिर पांडव घूमते घूमते हिमालय पहुंचे लेकिन भगवान शिव वहां पर भी नहीं मिले बाद में पांडवों को पता चला कि भगवान शिव केदारनाथ गए हैं तो तुरंत पांडव केदारनाथ पहुंचे लेकिन भगवान शिव पांडवों से मिलना नहीं चाहते थे इसलिए उन्होंने बेल का रूप धारण कर लिया और अन्य पशुओं के बीच जाकर छुप गए.
पांडवों ने भगवान शिव को बेल के रूप में भी पहचान लिया इसके बाद भीम ने अपना कद बढ़ाया और अपने दोनों पैरों को दो पहाड़ों पर रखकर फैला दिए। सभी गाय और बैल उनके पैरों के नीचे से निकल गई लेकिन भगवान शिव को यह करना पसंद नहीं था। भीम पूरी ताकत से बैल रूपी भगवान शिव को पकड़ने के लिए ताकत लगा रहे थे लेकिन भगवान शिव भीम की पकड़ में नहीं आना चाहते थे। इसलिए वह जमीन के अंदर धसने लगे लेकिन भीम ने बेल के ऊपरी भाग को पकड़ लिया और जमीन में जाने से रोक दिया.
भगवान शिव अब समझ गए थे कि पांडव उनके दर्शन के बिना नहीं मानेंगे वह पांडवों के द्रढ़ संकल्प को समझ गए और उन्होंने पांडव को दर्शन देकर उन्हे पापों से मुक्त किया और तब से लेकर आज तक भगवान शिव को बेल की पीठ की त्रिकोणीय आकृति के रूप में केदारनाथ में आज भी पूजे जाते हैं.
भारत में रहने वाले हर व्यक्ति का एक सपना होता है कि वह एक बार केदारनाथ शिव जी के दर्शन के लिए जरूर जाए अगर आप भी केदारनाथ जाने की सोच रहे हो तो आपको कुछ बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए केदारनाथ जाने के लिए सबसे बढ़िया समय गर्मियों का है मैं महीने से जून महीने तक केदारनाथ जाने के लिए सबसे बेस्ट समय है इस समय आकाश एकदम खुला रहता है और बर्फ पिघलने लगती है और तापमान भी सामान्य 5 डिग्री सेल्सियस से 20 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है.
केदारनाथ मंदिर साल भर में सिर्फ 6 महीने ही खुला रहता है क्योंकि उत्तराखंड में काफी बर्फबारी होती है इसलिए बर्फबारी के मौसम में 6 महीने तक केदारनाथ मंदिर का दरवाजा बंद रहता है.
आजकल सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर ने केदारनाथ मंदिर को काफी पॉपुलर बना दिया है केदारनाथ मंदिर के दर्शन के लिए आने वाले ज्यादातर लोगों में यह इनफ्लुएंसर काफी तादात में होते हैं आप इन लोगों के वीडियो और रील्स देखकर काफी केदारनाथ मंदिर की जानकारी ले सकते हो.
केदारनाथ हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं उनमें से ज्यादातर युवा होते हैं। लेकिन कुश बड़ी उम्र के लोग भी होते है जो पैदल चलकर केदारनाथ मंदिर तक नहीं पहुंच पाते है। उनके लिए केदारनाथ में हेलीकॉप्टर सेवा भी मिलती है.
केदारनाथ मंदिर तक पहुंचने के लिए हेलीकॉप्टर बुक कैसे करें ?
आप अगर केदारनाथ गए हो और चलना नहीं चाहते तो आप घर पर बैठकर ही आसानी से हेलीकॉप्टर बुक कर सकते हो। हेलीकॉप्टर बुक करने के लिए आपको IRCTC की वेबसाइट (http://heliyatra.irctc.co.in) पर जाना होगा। वेबसाइट पर आने के बाद सबसे पहले आपको चार धाम यात्रा के लिए खुद को रजिस्ट्रेशन करना होगा उसके बाद ही आप केदारनाथ मंदिर के लिए हेलीकॉप्टर बुक कर सकते हो। अपना रजिस्ट्रेशन करते ही आपको एक फॉर्म दिखाई देगा जिसमें आपको आपका नाम, उम्र, पता, मोबाइल नंबर और किस तारीख को आपको केदारनाथ के लिए हेलीकॉप्टर बुक करना चाहते हैं यह सब लीखना होगा फॉर्म भरने के बाद पेमेंट का ऑप्शन दिखेगा पेमेंट करते ही आपकी टिकट कंफर्म हो जाएगी। और एक बात यह भी ध्यान में रखने जैसी है कि हेलीकॉप्टर की टिकट बुकिंग करने के लिए आपको 6 दिन पहले बुकिंग करना होगा। और टिकट के कींमत की बात करें तो प्रति व्यक्ति 5,500 रुपए होगी यह टिकट आने और जाने दोनों तरफ की होगी.
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